वीडियो जानकारी: शब्दयोग सत्संग, 19.12.18, ग्रेटर नॉएडा , भारत <br /><br />प्रसंग:<br /><br />ख़ुद को साधना के लिए कैसे तैयार करें?<br />साधक के लिए क्या तैयारी ज़रूरी है?<br />मुक्ति के लिए क्या तियारी करना चाहिए?<br />जीवन की कैद से मुक्ति कैसे मिले?<br />बंधनों से मुक्ति कैसे पाएँ? <br /><br />एक किसान था जो बीज बोने कि लिये गया। जब वह बीज बिखरा रहा था, तो कुछ बीज सडक किनारे गिरे। चिडिया आयीं और जल्द से उन्हें चुग गयी। कुछ बीज चटटानी जगहों पर गिरे जहां अधिक मिटटी नहीं थी। कुछ बीज जल्द तो उग आये, पर तेज धूप में झुलस गये और मर गये, क्योंकि उन्होंने जड नहीं पकडी थी। कुछ बीज कांटों और खरपतवार के बीच में गिरे। जंगली पौधों ने बढकर अच्छे पौधों को दबा दिया, इसलिये वे फल नहीं ला सके। अंत में कुछ बीज अच्छी भूमि पर गिरे, वहाँ वे उगे और अच्छी फसल पैदा की।<br /><br />~ जीसस क्राइस्ट<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते